शिवसेना बनाम शिवसेना मामला : सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ आज सुनाएगी फैसला
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- May 11, 2023
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सुप्रीम कोर्ट में आज चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली संवैधनिक पीठ शिवसेना बनाम शिवसेना के मामले में फैसला देगी।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह, जस्टिस हिमा कोहली, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की संविधान पीठ 16 मार्च को इस मामले में 9 दिनों तक चली सुनवाई पूरी कर आदेश को सुरक्षित रख लिया था।
क्या है मामला ?
पिछले साल जून में महाराष्ट्र में शिवसेना के उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली महा विकास अघाड़ी सरकार को शिवसेना गुट के बागी नेता वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में विद्रोह कर सत्ता से बेदखल कर दिया था। इस घटना के बाद शिवसेना के दोनों गुटों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
शिवसेना बाग़ी गुट के नेता और वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने याचिका दायर कर महाराष्ट्र विधान सभा के उप सभापति की ओर से संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत कथित दलबदल के लिए विद्रोहियों के खिलाफ जारी नोटिस को चुनौती दी गई थी।
दूसरी ओर उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाले शिवसेना के दूसरे गुट ने महा विकास अघाड़ी सरकार को विश्वास मत के लिए मुख्यमंत्री को राज्यपाल के निर्देश के खिलाफ याचिका दायर की थी। याचिका में भाजपा के समर्थन से एकनाथ शिंदे की महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ और नए स्पीकर के चुनाव को भी चुनौती दी गई थी।
तत्कालीन चीफ जस्टिस एनवी रमना की अगुवाई वाली 3 जजों की पीठ ने अगस्त 2022 इस मामले को सुनवाई के लिए 5 जजों की संवैधानिक पीठ को भेज दिया था।
पीठ के समक्ष मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य रूप से जो सवाल थे :
1 – क्या संविधान के अनुच्छेद 226 और 32 के तहत अयोग्यता की कार्यवाही पर फैसला लिया जा सकता है?
2 – उस स्थिति में जबकि स्पीकर का निर्णय न हो, क्या कोर्ट किसी सदस्य को उसके कार्यों के आधार पर अयोग्य मान सकता है ?
3 – यदि सदस्यों के खिलाफ अयोग्यता के लिए दायर याचिकाएं लंबित हों तो सदन की कार्यवाही की स्थिति क्या होगी?
4 – क्या दलों के आंतरिक मामले न्यायिक समीक्षा के अधीन हैं? यदि हैं तो इसका दायरा क्या है ?
5 – सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने की राज्यपाल की शक्ति क्या है ? क्या इसकी न्यायिक समीक्षा की जा सकती है ?
6 – दलों के भीतर एकपक्षीय विभाजन को रोकने में चुनाव आयोग की शक्तियों का दायरा क्या है ?
7 – विधायक दल के नेता और व्हिप के निर्धारण में स्पीकर की शक्ति का दायरा क्या है ?
पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने इस मामले की सुनवाई 14 फरवरी 2023 को शुरू की थी। पीठ ने 16 मार्च को सुनवाई पूरी कर आदेश सुरक्षित रख लिया था।